Importance of money

जब मैं छोटा था। और school जानें लगें तो उस वक्त समझ में आया कि रुपए भी होते हैं। तब हम अपने घर से जब school जाता तो कुछ रूपए लेने के मां के पास चला जाता था, नहीं मिलता तो उदास हो जाता और मिल जाता तो खुश होकर school चला जाता था। जब school कि छुट्टी होती थी। तब उन रुपए का कभी कुछ चाकलेट तो कभी balloon खरीदता था। जब balloon फुट जाता तो रोने लगता था। धीरे धीरे बड़ा होने लगा और school जाते समय रुपए भी पहले से थोड़ा ज्यादा मिलने लगा। उस समय हमें यह knowledge नहीं था कि इन रुपयों को कमाने में कितना मेहनत करना पड़ता है। कुछ समय बाद जब अपने पिता जी के साथ। खेतों में जा रहा था तो मैंने कुछ मजदूरों को अपने खेतों में काम करते हुए देखा, उस समय बहुत ही तेज धुप हों रहा था। कुछ समय बाद मैं घर आ गया और मैं थोड़ा थक गया था।और बहुत ही ज्यादा मैं पानी पिया और सो गया। थोड़े समय बाद मैं बीमार हो गया मां ने बोला धुप लग गया है। इसलिए बीमार हो गए। तब शाम के समय जब वो मजदूर पैसों के लिए आए तो उस समय मैं अपने घर के दरवाजे के पास बैठा था, तो पिता जी उन मजदूरों को कुछ रुपए दे रहे थे। तब मैं उस दिन समझ में आया कि रुपए कमाने में मेहनत कितना लगता है।
                                                        कुछ समय बाद जब मैं college जाने लग गया, तो रुपए घर से थोड़ा और ज्यादा मिलने लग
गए। कभी कभी मैं ज़रुरत से ज्यादा खर्च कर देता था। और पिता जी के पास जब रूपए मांगने जाता तो वह बोलते थे, कि जब तुम job करने लगोगे तब तुम्हें रुपए का महत्व का जानकारी मिलेगा। मैं उस समय भी नहीं नहीं समझ पाया कि पिता जी ऐसे क्यो बोल रहे हैं? मुझे लगा वो गुस्से में ऐसा बोल रहे होंगे। सच में उस समय मुझे रुपए का महत्व का जानकारी नहीं था। क्योंकि मैं ज़रुरत से ज्यादा रुपए खर्च कर देता था
                कुछ समय बाद जब मैं job के लिए बाहर गया तो बहुत ही आसानी से एक अच्छा job मिल गया। अब मैं job करने लगा था। वहां पर मैं कुछ ऐसे लोगों को देखा जिनकी salary बहुत ही कम थी। कभी company close हो जाती थी। तो उनके पास भोजन करने के लिए रूपये नहीं रहते थे उस समय मुझे रुपए का महत्व कि जानकारी हुई। उसके बाद भी मैं रूपए खर्च करना कम नहीं किया, कुछ समय बाद जब मैं कुछ दोस्तों के साथ रहा तब मुझे यह knowledge हुआ कि रूपए का बचत कैसे करें? अब मुझे रुपए का महत्व कि knowledge हो गया और मैं बचत करना भी सीखा।
                                                                                     और एक बहुत ही महत्वपूर्ण knowledge मिला कि अगर आपके पास कोई बस्तु जरूरत से ज्यादा हो तों उसे किसी जरूरतमंद को दें !  

कोई बस्तु आप आपके पास जरूरत से ज्यादा हो तों उस बस्तु को किसी जरूरतमंद को दें !


JITESH SINGH

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